Stop loss kya hai | stop loss किसे कहते है

शेयर मार्केट में Stop loss kya hai, Stop loss लगाने के क्या – क्या फ़ायदे है। क्या हमें Stop loss लगाना चाहिए। शेयर मार्केट के जानकार Stop loss के बारे में क्या जानकारी देते है, ऐसी ही कई सारी जानकारी आज के इस ब्लॉग Stop loss kya hai में हम आपको देने वाले है। यदि आप चाहते है, की आप भी शेयर मार्केट में Stop loss लगाए और ट्रेडिंग करे, तो आज का ब्लॉग आपके लिए ख़ास होने वाला है। हम आपको Stop loss से जुड़ी हुई, सारी जानकारी आज के इस ब्लॉग Stop loss kya hai में देने वाले है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के कई तरीक़े है, चलिए अब हम एस पूछते है, क्या आपने कभी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की है, यदि हाँ, तो आपको ट्रेडिंग करने के वो सारे तरीक़े पता होंगे। लेकिन यदि नहीं तो आपको Stop loss के बारे में थोड़ा सा भी knowledge नहीं होगा। यदि आपको Stop loss kya hai के बारे में जानकारी नहीं है, तो आप चिंता ना करे हम आपको इस ब्लॉग में Stop loss के बारे में जानकारी देने वाले है।

Stop loss kya hai
Stop loss kya hai

Stop loss kya hai

Stop loss को साधारण भाषा में हम कह सकते है, नुक़सान से हमें बचना। Stop loss की मदत से loss होने से बचा जा सकता है। Stop loss को हम एक उदाहरण के रूप में समझते है, मान लीजिए आपने 200 रुपये का शेयर ख़रीदा और आपको लगता है, की इस शेयर की प्राइस बहूट ज़्यादा कम हो सकती है, तो ऐसे में आप 195 पर Stop loss लगा सकते है। इस Stop loss की मदद से आपका नुक़सान केवल 5 रुपए का होगा। यदि आपने यहाँ पर Stop loss नहीं लगाया होता है, तो आपको जितनी शेयर की प्राइस कम होती, उतना ही ज़्यादा आपको नुक़सान होता।

Trigger Price क्या है

दोस्तों अभी हमने Stop loss kya hai के बारे में समझा है, चलिए अब हम आपको Trigger Price के बारे में जानकारी बताते है। यदि आपको Trigger Price के बारे में पता है, तो अच्छी बात है, लेकिन यदि आपको Trigger Price के बारे में जानकारी नही है, तो हम आपको बता दे की, Trigger Price एक ऐसा स्तर होता है, जहां पर हम ऑर्डर को ऐक्टिव करने के लिए लगते है। आपको यहाँ पर एक क्रम बताना होता है, यदि आपका अनुमान सही पाया जाता है, तो आपको यहाँ पर Stop loss और Trigger प्राइस के बीच की क़ीमत दी जाती है। इससे आपको बहूत फ़ायदा होता है।

Leverage क्या है

Leverage को OPM के रूप में भी जाना जाता है। leverage का अर्थ होता है, कम समय में अधिक लाभ।

प्रोफ़ेसर कुच्छल के अनुसार :- लिवरेज से आशय वित्त प्रबंधन में स्थाई लागत के सहन करने से है।

यदि आप लिवरेज का उपयोग करके Treding करते है, तो आपको यहाँ पर Profit ज़्यादा होगा। साथ ही लिवरेज की सहायता से ट्रेडिंग करने वाले को नुक़सान भी ज़्यादा होता है। लिवरेज तीन प्रकार की होती है :-

ऑपरेटिंग लिवरेज

ऑपरेटिंग लिवरेज एक ऐसी सीमा को मापता है, जिसमें एक कम्पनी के प्रोजेक्ट को एक विशिष्ट और निश्चित इन दोनो ही प्रकार की आवश्यकता होती है।

फ़ाईनेंशियल लिवरेज

फ़ाईनेंशियल लिवरेज का सीधा अर्थ होता है, कम्पनी की कमाई को बढ़ाना।

संयुक्त उत्तोलन

उत्तोलन शब्द एक वित्तीय शब्द होता है, जिसके अंदर किसी भी चीजों को ख़रीदने के लिए धन को उधार लेना शामिल होता है। यह पैसा उधार इसलिए लिया जाता है, जिससे हम कम्पनी के लिए अधिक धन जुटा सके।

भारत में शेयर मार्केट की पहली कम्पनी

दोस्तों हमने Stop loss kya hai के बारे में ऊपर आपको बताया है, अब हम आपको शेयर मार्केट की एक ऐसी कम्पनी के बारे में जानकारी देने वाले है, जो आज के समय में भारत में सबसे बड़ी और पहली कम्पनी मानी जाती है, इस कम्पनी का नाम रिलायंस इंडस्ट्रीज है। यह कम्पनी मुकेश अम्बानी जी की है, इसको भारत की नंबर 1 शेयर मार्केट की कम्पनी माना जाता है। इस कम्पनी की शुरुआत 8 मई 1973 में की गयी थी।

Conclusion

दोस्तों आज हमने इस ब्लॉग Stop loss kya hai में आपको Stop loss के बारे में जानकारी बतायी। साथ ही Trigger price क्या होता है। लिवरेज के बारे में जानकारी इस ब्लॉग Stop loss kya hai में बतायी है। यदि आपने हमारे ब्लॉग को अच्छे से पढ़ा होगा, तो आपको भारत की शेयर मार्केट कि पहली कम्पनी के बारे में भी जानकारी मिल गयी होगी।

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